भाई बारिस तो बारिस है यह किसी की प्राइवेट संपत्ति नहीं है
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शायद नही, तब कहीं ना कहीं विरोध में चक्का जाम होगा, कुछ सरकारी या प्राइवेट संपत्ति फूंकी जायेगी।
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इन राष्ट्रीय धरोहरों को बचाने के लिए पर्याप्त धन व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए, मगर योजना आयोग की शायद और मजबूरियां और प्राथमिकतायें होने का कारण यह क्षेत्र उपेक्षित ही है, आगा खान ट्रस्ट जैसे प्राइवेट परियोजनाओं तथा आप जैसे जागरूक लोगो की आवश्यकता है इसे सुरक्षित बनाने के लिए, ताकि हमारी भावी पीढी हमें धन्यवाद कह सके! मेरे विचार में उपरोक्त हवेलियाँ प्राइवेट संपत्ति हैं, अतः उनपर पब्लिक का प्रत्यक्ष संरक्षण सम्भव नही है!